bhairav kavach for Dummies
Wiki Article
व्रत-कथा-वेद-पुराण-ज्योतिष-कर्मकाण्ड-वास्तुशास्त्र-योगशास्त्र
डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः ।
देयं पुत्राय शिष्याय शान्ताय प्रियवादिने ॥ ३०॥
श्रद्धयाऽश्रद्धया वापि पठनात्कवचस्य तु । प्रयत्नतः पठेद्यस्तु तस्य सिद्धिः करेस्थितः ।।
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा
यत्र यत्र भयं प्राप्तः सर्वत्र प्रपठेन्नरः ॥ ५॥
ॐ पातु नित्यं शिरसि पातु ह्रीं कण्ठदेशके ॥ १०॥
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः
यो ददाति निषिद्धेभ्यः सर्वभ्रप्ो भवेत्किल।
कार्य here पर विजय प्राप्त करने के लिए संसार में इससें बड़ा कोई कवच नही है।
नीलग्रीवमुदारभूषणशतं शीतांशुचूडोज्ज्वलं
आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।